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Friday, August 23, 2019

!! How to do Skin and hair protection from Holi colors !! (!! कैसे करे ? होली के रंगों से त्वचा एवं बालों का बचाव !!)


प्राचीन काल से लेकर आज तक होली के रंग भारतवासियों के न केवल शरीर को रंगता आया है बल्कि उनकी अन्तरात्मा को भी सतरंगी बनाता आया है । इस पर्व के रंगों का उत्साह हमारे जीवन को आनंदमयी बनाकर जाता है, जिसकी याद सालों-साल हमारे होंठो पर मुस्कान लाती रहती है | आधुनिक युग में होली के रंग और शोख हुए हैं, उत्साह में चौगुनी बढ़ोत्तरी हुई है । इसके साथ ही महिलाओं को अपनी खूबसूरती एवं अपनी त्वचा की देख-रेख की चिंता भी बढ़ी है क्योंकि आज के केमिकल युक्त हानिकारक रंग हमारी त्वचा पर बेहद हानिकारक असर डालते हैं, जैसे रूखी बेजान त्वचा, मुहाँसे, झांई एवं झुर्रियों की शिकायत ।
आज की नारी जहां एक ओर होली के रंगों का पूरा आनन्द उठाना चाहती है वहीं दूसरी ओर वह अपने चेहरे एवं शरीर की त्वचा को हमेशा की तरह दमकते हुए देखना चाहती है । वे ज़माने बीत गये जब होली का रंग शरीर को कई दिनों तक सुशोभित रखता था । शरीर पर लगा रंग हमे अंदर से रोमांचित करता रहता था ।
आज ग्लैमर के युग में यह जानना अति आवश्यक है कि इस पर्व में रंगों का आनन्द उठाते हुए हम किस प्रकार अपनी त्वचा एवं बालों की देखभाल करें । इस पर निम्नांकित बातो पर यदि ध्यान दिया जाय तो बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकता है :-
1- होली के पूर्व की तैयारी- होली के 3-4 दिन पूर्व से ही त्वचा एवं बालों को भरपूर पोषण दें, चेहरे एवं समस्त शरीर की त्वचा पर बेहतरीन हर्बल क्रीम जैसे- जुवेना गोल्ड सैफरन, ऑरेन्ज-एलोवेरा मसाज क्रीम एवं ब्यूटी ऑयल/ऐरोमाथिरेपी क्रीम व मॉइस्चराइजर (लैवेन्डर कैम्फर या रोज) का भरपूर प्रयोग करें । बालों में प्रतिदिन या एक दिन के अंतराल पर आयुर्वेदिक/ऐरोमाथिरेपिक तेल का प्रयोग करें । बालों के लिए हेयर आयल, हेयर टॉनिक का प्रयोग करें । होली के अगले दिन से जुवेना स्पा सिल्क आयल एवं हेयर स्पा कंडीशनिंग मास्क का प्रयोग करें । तेल को 4 घंटे बालों पर लगाकर रखें । ध्यान रखें कि त्वचा चेहरे की, शरीर की या सिर के स्कैल्प की, जितनी नम रहेगी होली के रंगों का कुप्रभाव उतना ही कम होगा क्योंकि होली के रंग केमिकल युक्त होते हैं जो त्वचा की नमी सोख लेते हैं ।
2- खान-पान में तले- भुने भोजन का सेवन कम से कम करें । तला भोजन हमारे शरीर के अनेक पौष्टिक/अति आवश्यक न्यूट्रिशनल पदार्थो को शरीर के बहार निकाल फेंकते हैं, जिससे हमारी त्वचा एवं बाल रूखे एवं बेजान हो जाते हैं व ऐक्ने की समस्या भी बढ़ सकती हैं ।
3- होली के पकवान बनाते समय घंटो रसोई में बिताना पड़ता है, जहां गर्मी एवं धुँए का असर त्वचा को रूखा बना देता है । इस दौरान चेहरे, हाथों एवं अन्य खुले अंगो पर रिच मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें एवं पकवान बनाने के बाद सम्पूर्ण त्वचा की ऐरोमाथिरेपिक क्लींजर से क्लिंजिंग करना न भूलें । याद रहे नम त्वचा सुन्दर तो दिखती ही है, नमी आपकी त्वचा की एजिंग (Ageing) को भी रोकता है और आपको ज्यादा वर्षो तक कम उम्र का बनाकर रखता है ।
4- रंगों का सुरक्षा कवच- होली खेलने से पहले चेहरे, हाथों, गला, पीठ आदि खुले अंगों पर उच्च क्वालिटी की सन स्क्रीन जुवेना की हल्दी चन्दन सन प्रोटेक्शन क्रीम लगायें एवं इस सुरक्षा कवच की परत को मोटा करने के लिये 15-15 मिनट के अंतराल पर दो बार लगायें । सन स्क्रीन के अलावा खुली त्वचा पर फाउंडेशन ( पानी में मिलकर )भी सुरक्षा कवच का कार्य करेगा । इसके अलावा आप चाहे तो ऐरोमाथिरेपी ब्यूटी ऑयल भी प्रयोग कर सकती हैं | होली खेलने के पहले बालों में तेल लगा लें ताकि पानी वाले रंग या सूखे रंगों का कोई हानिकारक असर बालों एवं स्कैल्प पर न पड़े |
5- रंग खेलने के बाद उबटन का प्रयोग- उबटन तो भारतीय महिलाओं द्वारा सौन्दर्य बढ़ाने हेतु प्रायः प्रयोग किया जाता रहा है, किन्तु होली के बाद के लिए उबटन विशेष कर ऐसा हो जो त्वचा पर लगे रंग को निकाल फेकें साथ ही त्वचा की नमी को बरकरार रखे | कहीं-कहीं विशेष प्रकार के उबटन (होली-उबटन) उपलब्ध रहते हैं, हो सके तो उनका प्रयोग करें | हल्दी का प्रयोग होली के उबटन में कदापि न करें क्योंकि हल्दी त्वचा का रूखापन बढाती है |
6- होली उबटन घर पर बनाने की सरल विधि- आटा-3 चम्मच, पीसी उड़द की दाल-2 चम्मच, पीसा काजू-2 चम्मच, पीसा जायफल 1/2, महीन सौंफ पीसी हुई 1/2 चम्मच | प्रयोग करने के पहले इन सभी को दूध में मिला कर पेस्ट बना लें | उबटन की तैयारी एक दिन पहले ही कर लें ताकि समय पर किसी चीज की कमी न रह जाये | कभी-कभी शहर के अच्छे ब्यूटी पार्लर एवं आयुर्वेदिक स्पा इस प्रकार के उबटन होली गिफ्ट के रूप में महिलाओं को मुफ्त भेंट करते हैं |
7- होली उबटन प्रयोग विधि-
होली उबटन लगाने से पहले पूरे शरीर पर लगे रंग को (रुई के फूहे को दूध में भिगोकर) जितना हो सके साफ़ कर लें | तत्पश्चात पूरे शरीर में होली उबटन लगाकर इसे हल्के हाथों से रगड़ कर उतार दें | इसके बाद पूरे शरीर में तेल लगायें व पुनः होली-उबटन लगायें एवं बताये गये तरीके से उतार डालें | तत्पश्चात गुन-गुने पानी से स्नान करें| प्रायः साबुन के प्रयोग से त्वचा रूखी हो जाती है किन्तु आज के दिन स्नान में नमीयुक्त साबुन का अवश्य प्रयोग करें ताकि रोम छिद्रों में छुपा हुआ रंग भी साबुन या बॉडी शैम्पू में घुल कर बाहर आ जाये । स्नान के दौरान बालों को कम से कम दो बार अच्छी क्वालिटी के शैम्पू से धो डालें |
8- स्नान के बाद रिच मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें एवं प्रत्येक 3-4 घंटे के अंतराल पर तीन दिन तक प्रयोग करें ताकि रंगों का कुप्रभाव पूर्णतः समाप्त हो जायें । बालों में नारियल या हर्बल /ऐरोमाथेरेपी तेल सोने से पहले अवश्य लगा लें एवं प्रातः शैम्पू कर लें |
9- खान-पान- अन्ततः, होली के उल्लासपूर्ण पर्व में, रंगों का आनंद उठाने में अपने आप को रोकने की कोशिश कदापि न करें | बल्कि अपनी त्वचा एवं बालों का उपरोक्त विधि से विशेष ध्यान रखते हुए अपने परिवार व मित्रों के साथ खूब रंग खेलें । हाँ! चूँकि इस दौरान हम न चाहते हुए भी काफी अधिक मात्रा में घी (चिकनाई), चीनी एवं मैदा खा लेते हैं, जिससे अनजाने में अपना स्वास्थ्य ख़राब कर बैठते हैं । होली के बाद अक्सर पेट ख़राब होना एवं शरीर में आलस्य की शिकायत होती है, किन्तु सबसे ज्यादा प्रतिकूल असर हमारी त्वचा एवं बालों पर पड़ता है| चिकनाई, चीनी, एवं मैदा हमारे शरीर के मिनिरल्स, विटामिन्स, एवं आवश्यक फैटीऐसिड की मात्रा को तीव्रता से घटा देता है, जिससे त्वचा बेजान व रूखी हो जाती है, मुँहासे, झुर्रिया एवं झांई की शिकायत बढ़ जाती है । बालों में रुसी एवं उनका अधिक झड़ना भी बढ़ जाता है । इन सब कुप्रभावों से बचने के लिये हमें भोजन में पत्तेदार साग, हरी सब्जी एवं ताजे फलों की मात्रा बढ़ा लेनी चाहिए अगले सात दिनों तक विटामिन सी एवं बी की एक-एक गोली का सेवन करना त्वचा एवं स्वास्थ्य के लिये लाभदायक सिद्ध होगा |

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